Tuesday, March 11, 2014

नोह जब अपना परिवार चुनता है


नोह अपनी विशालकाय नाव में लेटा एक झरोखे से बादलों से भरे आसमान की ओर ताक रहा है. तभी पहली बारिश की एक बूंद उसके चेहरे पर आ गिरती है. नोह बुदबुदाता है ' प्रलय शुरू हो गई'. बुक ऑफ़ जेनिसिस' में लिखी नोह की कहानी भारत की सरहदों में प्रवेश करते ही 'मनु' की कहानी में बदल जाती है. नोह हो या मनु, वो एक ऐसा शख्स था जिसने मानव जाति को विलुप्त होने से बचाया था. जल प्रलय से बचने की ये असम्भव गाथा  पहले भी बड़े परदे पर उतारी जा चुकी है लेकिन इस बार हमारा ये सर्वकालिक महानायक एक नए अंदाज़ में बड़े परदे पर दिखाई देने वाला है.

      हॉलीवुड के प्रतिभाशाली अभिनेता रसेल क्रो ने इस चुनौतीपूर्ण किरदार को अत्यंत गरिमापूर्ण ढंग से निभाया है.भारत में 28 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही 'नोह' मानवता के मसीहा को अलग ढंग से दर्शकों के सामने रखेगी। नोह सम्पूर्ण मानवता के लिए श्रद्धा और शोध का विषय है और कई वैज्ञानिकों ने प्राचीन काल में जल प्रलय के वक्त बनी विशालकाय नाव के अवशेष मिलने का दावा भी किया है.

जब मैंने रसेल क्रो को नोह के अवतार में देखा तो अचानक ही अमीष की लिखी 'मेहुला' का स्मरण हो आया. मेहुला की  सबसे खास बात यही थी कि उसमे शिव दैवीय रूप के विपरीत साधारण मानव अवतार में प्रस्तुत किये जाते हैं. मानवता के  लिए शस्त्र उठाने और अपने असाधारण प्रेम से गुजरने के बाद वे 'शिव' हो जाते हैं. ठीक इसी तरह नोह में रसेल क्रो को एक साधारण इनसान के रूप में प्रस्तुत किया गया है. यहां वो किसी चोगे में नहीं दिखाई देते बल्कि एक आम बढ़ई के किरदार में सामने आते हैं जो ईश्वर के आदेश को सर्वोपरि मानते हुए अपना काम कर रहा है.

     रसेल की खासियत है कि वे अपने किरदार में डूब कर काम करते हैं और नोह के किरदार में उनके भीतर का लोहा फिर दहकता हुआ दिख रहा है. नोह एक जटिल किरदार इसलिए है कि उनके बारे में केवल एक कहानी उपलब्ध है, जो ' बुक ऑफ़ जेनिसिस ' के संदर्भो से तैयार की गई है. इस कहानी में नोह के व्यक्तित्व के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती इसलिए फ़िल्म के निर्देशक डेरेन आरोनस्काई और लेखक अरी हेंडल के लिए परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण रही होंगी। नोह का समाज निर्मित करना, उसके परिवार को गढ़ना और सबसे ऊपर उस दौर के समाज की मानसिकता दिखाना, जो नोह की विशाल नाव के विरोध में उठ खड़ा हुआ होगा।  फ़िल्म को नोह के प्राचीन दौर का लुक देने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ी. न्यूयॉर्क में नोह की नौका का विशाल मॉडल तैयार किया गया और जानवरों को वर्चुअली तैयार करना भी बड़ा सिरदर्द था.  लगभग एक हज़ार साल पहले की पृथ्वी का वातावरण पाने के लिए लोकेशंस की तलाश करने में भी टीम को काफी वक्त लगा.

अब बात ईश्वर के उस आदेश की, जिसके बाद नोह को विशाल नाव बनाने की प्रेरणा मिली। 'बुक ऑफ़ जेनिसिस' में लिखा है कि ईश्वर ने नोह से कहा कि ' भयंकर बाढ़ आने को है और केवल तुम्हारा परिवार बच सकेगा। इसी पल  नोह अपने मानव होने का प्रमाण देते हुए अपने 'परिवार' में सम्पूर्ण पृथ्वी को शामिल कर लेता है. ये नोह पर निर्भर था कि उसका परिवार कितना बड़ा होगा और वह 'चुनाव' के क्षणों में मानवता का श्रेष्ठ उदाहरण बनकर उभरता है. 28 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही इस फ़िल्म में नोह का यही नया  मानवीय रूप दर्शक देख सकेंगे।